Author: HE Web Desk

मुंबई, 04 दिसंबर: मेटल हार्डवेयर विनिर्माण में वैश्विक अग्रणी सुगात्सुने अपनी जापानी विरासत और इंजीनियरिंग उत्कृष्टता से प्रतिष्ठित है। 1930 में जापान में स्थापित, सुगात्सुने सटीकता, टिकाऊपन और नवीनता लाता है जो जापानी कारीगरी की पहचान है। लगभग एक सदी का अनुभव होने के कारण, ब्रांड ने विभिन्न क्षेत्रों में गुणवत्ता का एक उच्च मानक स्थापित किया है, जिसमें घर, कार्यालय, वास्तुकला और औद्योगिक अनुप्रयोग शामिल हैं। सुगात्सुने के उत्पादों को उनकी दीर्घायु, कम रख-रखाव की आवश्यकता और उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए सराहा जाता है, जो जापानी निर्माण की उन्नत तकनीक और सावधानीपूर्वक इंजीनियरिंग को दर्शाते हैं। भारत में, सुगात्सुने…

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नई दिल्ली [भारत], 4 दिसंबर:  केन्द्र की मोदी सरकार का लाभार्थी, समाज का हर वो वर्ग है, जो देश के उत्थान में सहगामी है, अर्थ जगत के व्यापारी, कारोबारी, उद्यमी इससे अलग नही है। जिनके कारोबार में सुगमता के लिए मोदी सरकार ने अपने पहले कार्यकाल में ही राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण एवं नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल का गठन कर दिया। जिसके लाभार्थी होने का एक ज्वलंत उदाहरण काशी के प्रतिष्ठित व्यापारी रजत मोहन पाठक के प्रतिष्ठान सिनर्जी वेन्चर है। जिसके 12.5 करोड़ रूपये जो रूद्रा बिल्डवेल प्रोजेक्ट प्रा.लि. से ऐसे सख्त एवं फास्टट्रैक कानून के अभाव में वापस…

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दिल्ली, 04 दिसंबर: कृषि अनुसंधान, स्थिरता और कृषि उत्पादकता को आगे बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, नुजिवीडू सीड्स लिमिटेड (NSL) और आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (ANDUaT), फैजाबाद, उत्तर प्रदेश ने एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं। इस सहयोग का उद्देश्य कृषि पद्धतियों में सुधार करना, नई फसल किस्मों का विकास करना और जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों का समाधान करना है, जिससे राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित होगी। इस ऐतिहासिक समझौता ज्ञापन पर NSL और ANDUaT के अधिकृत प्रतिनिधियों ने हस्ताक्षर किए। समझौता ज्ञापन के मुख्य उद्देश्य यह सहयोग कृषि समुदाय को निम्नलिखित…

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कोरापुट, 29 नवंबर: भारत की सबसे बड़ी एल्युमीनियम उत्पादक वेदांत एल्युमीनियम ने वार्षिक आदिवासी लोक महोत्सव परव-2024 का समर्थन किया है, जो स्थानीय समुदायों की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का जश्न मनाता है कोरापुट जिले के लक्ष्मीपुर ब्लॉक में कोडिंगमाली खदान के पास आयोजित इस उत्सव में 5000 से अधिक लोग शामिल हुए और आदिवासी कला, संगीत, नृत्य और संस्कृति का मनमोहक प्रदर्शन देखा। लक्ष्मीपुर वीडियो द्वारा आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि विधायक सहाफी सावंता, ब्लॉक अध्यक्ष सुई कुलेसिका और लक्ष्मीपुर ब्लॉक के सरपंच और समिति सदस्य उपस्थित थे।इस आयोजन को वेदांत फाउंडेशन का समर्थन प्राप्त था, जिसने ओडिशा की सांस्कृतिक…

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देहरादून, 29 नवंबर:  इस साल के Doon Music Festival में एक विशेष आकर्षण होने जा रहा है। Usool Band, जिसे मोहित जोशी ने 2018 में स्थापित किया था, पहली बार सूफी संगीत के साथ रॉक और आधुनिक धुनों का अद्भुत मेल पेश करेगा। बैंड की इस प्रस्तुति से Doon Music Festival का रंग और भी गहरा हो जाएगा, क्योंकि यह पहली बार होगा जब सूफी संगीत के साथ रॉक वाइब्स का यह मिश्रण मंच पर समा बांधेगा। Usool Band की पहचान सूफी संगीत को एक नए और जीवंत रूप में प्रस्तुत करने के लिए की जाती है। बैंड के प्रमुख…

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2002 में जगद्गुरु श्री कृपालु जी महराज ने जगद्गुरु कृपालु परिषत् की अध्यक्षता अपनी बड़ी सुपुत्री सुश्री डॉ. विशखा त्रिपाठी जी को सौंप दी। नई दिल्ली [भारत], 28 नवंबर: उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ ज़िले में कुंडा नाम का एक कस्बा है। कुछ दशकों पहले तक यहाँ के आस-पास के गाँवों में साक्षरता का स्तर बहुत ही निम्न था। पूरा इलाका भयंकर गरीबी की चपेट में था। महिलाओं की स्थिति तो और भी दयनीय थी। ऐसे में विश्व के पाँचवें मूल जगद्गुरु, श्री कृपालु जी महाराज द्वारा स्थापित जगद्गुरु कृपालु परिषत् द्वारा कुंडा में शुरू किया गया कन्याओं के लिए निःशुल्क विद्यालय आशा…

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संत जब इस धरती पर अवतार लेकर आते हैं, तो कभी भी अकेले नहीं आते। वे अपने साथ अपने लीला विस्तार और जीवों में कृपा वितरित करने के लिए अपने परिकर-जनों को साथ लेकर आते हैं। आज सारा विश्व मान रहा है कि जिस प्रकार विश्व के पाँचवें मूल जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज ने सनातन धर्म का महानतम ज्ञान जन साधारण को आसान भाषा में उपलब्ध करा दिया, प्रेम मंदिर, भक्ति मंदिर व कीर्ति मंदिर जैसे भव्य मंदिर स्थापित किये और निःशुल्क अस्पतालों, स्कूल, कॉलेज आदि जनता को समर्पित किये, वह संतों में अग्रणी सिद्ध हुए। जगद्गुरु श्री कृपालु…

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उतार प्रदेश ,26 नवंबर: सनातन संस्कृति को सर्वोच्च स्तर पर ले जाने के उद्देश्य से सनातन सांस्कृतिक संघ (एसएसएस) द्वारा बुंदेलखंड क्षेत्र में ‘सनातन एकता यात्रा’ का भव्य आयोजन किया गया है। सनातन सांस्कृतिक संघ का एक मात्र उद्देश्य :- मोक्षलक्षी, धर्म परंपराओं वैदिक, जैन, बौद्ध और सिख एकत्रित करना और जात-पात से ऊपर उठकर एकता की भावना को आगे बढ़ाना है। बुंदेलखंड के मुख्य स्थलों पर 29 नवंबर 2024 से 2 दिसंबर 2024 तक आयोजित होने वाली यह यात्रा भारतीय परंपराओं, गौरवशाली विरासत और आध्यात्मिक शक्ति का भव्य उत्सव है। सनातन एकता यात्रा धर्म, संस्कृति और एकता की मशाल जलाने का प्रतीक बनकर हर सनातनी के मन में नई उमंग और प्रेरणा जगाएगी। एकता का संदेश शंखनाद यह यात्रा मात्र एक आयोजन नहीं है, परंतु सनातन संस्कृति को पुनर्जीवित करने और उसे आने वाली पीढ़ियों तक पहुँचाने का एक महायज्ञ है। ललितपुर से झांसी तक यह यात्रा वैदिक, जैन, बौद्ध और सिख परंपराओं को एक सूत्र में पिरोने का एक अभिनव प्रयास है जिसमे लाखो की संख्या में लोग जुड़ेंगे और इस यात्रा को आगे बढ़ाएंगे। यह पहली बार है जब सनातन धर्म की चार प्रमुख परंपराएँ एक साथ आकर एकता का संदेश देंगी। यह आयोजन देश-विदेश में रहने वाले सनातनी समुदायों को अपनी धार्मिक और सांस्कृतिक जड़ों से जोड़ने का एक सुनहरा अवसर है। सनातन संस्कृति की समृद्धि ‘सनातन एकता यात्रा’ के लिए विशेष रूप से 16 फुट लंबी, 12 फुट चौड़ी और 8 फुट गहरी भगवान हनुमान जी की भव्य प्रतिमा ललितपुर के प्रतिष्ठित तुवन मंदिर में स्थापित की जाएगी। प्रभु श्री राम की प्रार्थना करते हुए हनुमान जी की यह अद्वितीय मूर्ति सनातन संस्कृति की अखंडता और एकता का प्रतीक है और सनातन धर्म की चारों प्रमुख परंपराओं—वैदिक, जैन, बौद्ध और सिख—को एक सूत्र में बांधने का संदेश देती है। सनातन सांस्कृतिक संघ की अध्यक्ष श्रीमती हरिप्रिया भार्गव का मानना है कि “सनातन संस्कृति भारत की आत्मा है, यह हमारी पहचान और ताकत है।” इसी उद्देश्य से उन्होंने इस भव्य यात्रा का आयोजन किया है। सनातन संस्कृति ने सदियों से दुनिया को ज्ञान, दर्शन और आध्यात्मिकता का मार्ग दिखाया है, और इस यात्रा का उद्देश्य इस गौरवशाली विरासत को नई पीढ़ियों तक पहुंचाना और सहेजना है। इस भव्य आयोजन में ललितपुर में 15,000 से अधिक लोग शामिल होंगे, जबकि झांसी में यह संख्या 35,000 तक पहुंचने का अनुमान है। इस दिव्य यात्रा को समृद्ध करने के लिए, जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी ओंकारानंद सरस्वती जी महाराज और जैन संत मुनि श्री अविचल सागर जी महाराज अपनी उपस्थिति से इसे आशीर्वादित करेंगे। यात्रा का रूट और आयोजन…

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जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज जैसे संत इस धरती पर कई शताब्दियों में एक बार आते हैं। श्री कृपालु जी महाराज ने 1922 में उत्तर प्रदेश के एक छोटे से गाँव में जन्म लिया और 16 वर्ष की आयु से ही भगवान् का धुआँधार प्रचार प्रारम्भ कर दिया। 91 वर्षों के अपने जीवन काल में उन्होनें भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में वेदों-शास्त्रों के ज्ञान का भंडार खोल दिया। आध्यात्मिक उन्नति के साथ-साथ उन्होनें लोगों की सामाजिक एवं शारीरिक उन्नति के लिए भी कई सराहनीय प्रयास किये, जिन्हें उनकी ज्येष्ठा सुपुत्री डॉ. विशाखा त्रिपाठी जी ने बहुत लगन के साथ आगे…

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श्रीगंगानगर, 26 नवंबर: इस नए साल की पूर्व संध्या पर, श्रीगंगानगर अपने सबसे प्रतिष्ठित और धमाकेदार जश्न के लिए तैयार है! तू झूम एक अविस्मरणीय रात का वादा करता है, जिसमें सूफी संगीत, जोशीले प्रदर्शन, रंगीन उत्सव और अनगिनत रोमांच शामिल होंगे। यह भव्य आयोजन, जो अवासा रिज़ॉर्ट में आयोजित होगा, 2025 का स्वागत करने का सबसे शानदार तरीका होगा। तू झूम की जान होंगे मशहूर व्यवसायी और प्रतिभाशाली सूफी गायक-गीतकार श्रीगंगानगर के अपने मोहनिंदर पाल सिंह, जिन्हें सभी एमपी सिंह के नाम से जानते हैं। एमपी सिंह अपनी जादुई धुनों और भावपूर्ण आवाज़ से सूफी संगीत की खूबसूरती को…

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